|
कौरवपक्षको सेना
|
पाण्डवपक्षको सेना
|
सहयोगी जनपद
|
- गान्धार, मद्र, सिन्ध, काम्बोज, कलिङ्ग, सिंहल, दरद, अहिलेषह, मागध, पिशाच, कोसल,
- प्रतीच्य, बाह्लिक, उदीच्य, अंश, पल्लव, सौराष्ट्र, अवन्ति, निषाद, शूरसेन, शिबि, वसति, पौरव
- तुषार, चूचुपदेश, अशवक, पाण्डय, पुलिन्द, पारद, क्षुद्रक, प्राग्ज्योतिषपुर, मेकल
- कुरुविन्द, त्रिपुरा, शल, अम्बष्ठ, कैतव, यवन, त्रिगर्त, सौविर, प्राच्य,
|
- पाँचाल, चेदि, काशी, करुष, मत्स्य, केकय, सृंजय, दक्षार्ण, सोमक, कुन्ति, आनर्त, दाशेरक, प्रभद्रक,अनूपक, किरात, पटच्चर
- तित्तिर, चोल, पाण्ड्य, अग्निवेश्य, हुण्ड, दानभारि, शबर, उद्भस, वत्स, पौण्ड्र, पिशाच, पुण्ड्र, कुण्डीविष, मारुत, धेनुक,तगंण, परतगंण,
|
महारथी
|
- भीष्म, द्रोणाचार्य, कृपाचार्य, कर्ण, अश्वत्थामा, मद्रनरेश शल्य, भूरिश्र्वा, अलम्बुष, कृतवर्मा
- कलिंगराज श्रुतायुध,शकुनि,भगदत्तजयद्रथ,विन्द-अनुविन्द,काम्बोजराज सुदक्षिण,
बृहद्वल,दुर्योधन अनि त्यसको ९९ भाइ
|
- भीम, नकुल, सहदेव, अर्जुन, युधिष्टर, द्रौपदीका पाँचहरु पुत्र, सात्यकि, उत्तमौजा, विराट, द्रुपद
- धृष्टद्युम्न, अभिमन्यु, पाण्ड्यराज, घटोत्कच, शिखण्डी, युयुत्सु, कुन्तिभोज, उत्तमौजा, शैब्य, अनूपराज नील
|