मूलकाजी
प्राचिन नेपालको प्रधानमन्त्री सरह पद
मूलकाजी नेपाल अधिराज्यको प्राचिन सरकार प्रमुखको पद्वी हो । ४ काजी नियुक्त भएका मध्ये एक व्यक्ति मूलकाजी हुने गर्दथे । मूलकाजीको शक्ति संचालनको अन्त्य सन् १८०६ मा मुख्तियारद्वारा भयो ।
नेपाल अधिराज्यकोको मूलकाजी | |
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मूलकाजी दामोदर पाँडे | |
सम्बोधन | श्री मूलकाजी मूलकाजी साहेब |
निवास | भिन्न |
आसन | वसन्तपुर दरबार |
नियुक्तिकर्ता | नेपालको राजा |
अग्रगामी | वंशराज पाँडे (नेपालको देवानकाजी) |
गठन | सन् १७८५ |
प्रथम धारक | अभिमान सिंह बस्न्यात |
अन्तिम धारक | रणजीत पाँडे |
खारेज | १८०४ |
उत्तराधिकार | रणबहादुर शाह (नेपालको मुख्तियार) |
नेपाल अधिराज्यका मूलकाजीहरूको सूची
सम्पादन गर्नुहोस्No. | चित्र | नाम (जन्म–मृत्यु) |
कार्यकाल | राजनीतिक दल | ||
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नियुक्त | पदत्याग | |||||
1 | अभिमान सिंह बस्न्यात (1744–1800) |
?? | १७९४ | Independent | ||
2 | कीर्तिमान सिंह बस्न्यात (??–1801) |
१७९४ | २८ सेप्टेम्बर, १८०१ | Independent | ||
3 | बख्तावर सिंह बस्न्यात | १८०१ | फेब्रुअरी १८०३ | Independent | ||
4 | दामोदर पाँडे (1752–1804) |
फेब्रुअरी १८०३ | मार्च १८०४ | Independent | ||
5 | रणजीत पाँडे | १८०४ | १८०४ | Independent |