हिंदुओंहिन्दुहरु कीको पौराणिक कथा [[महाभारत]] केको एक महत्वपूर्ण पात्र '''अभिमन्यु''' [[पूरु]] कुल केको राजा वतथा पंच [[पांडव|पांडवों]] में सेहरुमा [[अर्जुन]] केको पुत्र थे।थिए। कथा मेंमा उनकाउनको छल द्वारा कारुणिक अंतअन्त बतायाभने गयाइयो है।छ।
अभिमन्यु महाभारत केको नायक अर्जुन औरर [[सुभद्रा]], जोजुन [[बलराम]] वतथा [[कृष्ण]] कीको बहिनी बहनी थीं, केको पुत्र थे।थिए। उन्हेंउनलाई चंद्र देवता काको पुत्र भीपनि माना जाता है।मानिन्छ। धारणा हैछ कि समस्त देवताओ नेले अपनेआफ्नो पुत्रोंपुत्रहरु कोलाई [[अवतार]] रूप मेंमा धरती परमा भेजापठायो थाथियो परंतुतर [[चंद्रदेव]] नेले कहाभन्यो कि वेउनि अपनेआफ्नो पुत्र काको वियोग सहन नही करगरेर सकते अतः उनकेउनको पुत्र कोलाई मानव योनि मेंमा मात्र सोलहसोह्र वर्ष कीको आयु दी जाए।
अभिमन्यु काको बाल्यकाल अपनीआफ्नो ननिहाल [[द्वारका]] मेंमा हीनै बीता। उनकाउनको विवाह महाराज [[विराट]] कीको पुत्री [[उत्तराउत्तरेको]] सेदेखि हुआ।भयो। अभिमन्यु केको पुत्र परीक्षित, जिसकाजसको जन्म अभिमन्यु केको मृत्योपरांत हुआभयो, कुरुवंश केको एकमात्र जीवित सदस्य पुरुष थेथिए जिन्होंनेजसले युद्ध कीको समाप्ति केको पश्चात पांडव वंश को आगेअगाडी बढ़ाया।बढाया।
अभिमन्यु एक असाधारण योद्धा थे।थिए। उन्होंनेउनले [[कौरव]] पक्ष कीको व्यूह रचना, जिसेजसलाई [[चक्रव्यूह]] कहाभन्यो जाता थाजान्थ्यो, केको सातआठ मेंमा सेभन्दा छहछ द्वार भेद दिए थे।थिए। कथानुसार अभिमन्यु नेले अपनीआफ्नो माता कीको कोख मेंमा रहतेरहन हीबित्तिकै अर्जुन केको मुख सेदेखि चक्रव्यूह भेदन काको रहस्य जान लियालिएको था।थियो। परतर सुभद्रा केको बीच मेंमा हीनै निद्रामग्न होनेहुन सेबाट वेउनि व्यूह सेभन्दा बाहरबाहिर आने कीको विधि नहींहैन सुन पाये थे।थिए। अभिमन्यु कीको म्रृत्यु काको कारण [[जयद्रथ]] थाथियो जिसनेजसले अन्य पांडवोंपांडवहरु कोलाई व्यूह मेंमा प्रवेश करनेगर्न सेदेखि रोक दियादिए था।थियो। संभवतः इसीत्यहि काको लाभ उठा करउठाएर व्यूह केको अंतिमअन्तिम चरण मेंमा कौरव पक्ष केको सभीसबै महारथी [[युद्ध]] केको मानदंडों कोमानदंडहरुलाई भुलाकर उसउन बालक परमा टूट पड़ेपडे, जिसजस कारण उसनेउनले वीरगति प्राप्त की।गर्यो। अभिमन्यु कीको मृत्यु काको प्रतिशोध लेनेलिन केको लियेलागि अर्जुन नेले जयद्रथ केको वध कीको शपथ ली थी।थियो।