"वयली लिप्यन्तरण" का संशोधनहरू बिचको अन्तर

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'''वयली लिप्यन्तरण''' (Wylie transliteration) [[तिब्बती लिपि]]लिपिको केरोमनीकरणका रोमनीकरण की एकएउटा विधि हैहो जिसमेंजसमा उनति रोमन वर्णों कावर्णहरूका उपयोग कियागरिन्थे जाता है जोजुन अंग्रेजी भाषा केभाषाको किसीकुनै साधारण टाइपराइटर परमा भीपनि उपलब्ध होतेछन्। हैं। यहयसको नाम, टरेल वीवी० वयली (Turrell V. Wylie) केको नामनाममा परजोडिएको पड़ाछन् हैजसले जिन्होनेसन् १९५९ मेंमा इसयस योजना कोयोजनाको प्रस्तुत कियागरेको था।थियो।<ref>{{cite journal|doi=10.2307/2718544|last=Wylie|first=Turrell V.|authorlink=Turrell Wylie|date=December 1959|title=A Standard System of Tibetan Transcription|journal=Harvard Journal of Asiatic Studies|volume=22|pages=261–267|publisher=Harvard-Yenching Institute|jstor=2718544}}</ref> समय केसमयको साथसाथै यहयो लिप्यन्तरण योजना एकएउटा मानक बनहुन गयीगए (विशेष विशेषकरगरी संयुक्त राज्य अमेरिका मेंमा।)
 
तिब्बती भाषा के रोमनीकरण की सभी योजनाओं में सदा एक दुविधा की स्थिति पायी जाती है, यह दुविधा यह है कि रोमनीकरन करते समय बोली/कही गयी तिब्बती भाषा के उच्चारण को संरक्षित रखने की कोशिश की जाय या तिब्बती लिपि की वर्तनी का अनुकरण किया जाय। बात यह है कि तिब्बती में लिखी और बोली गयी भाषा में बहुत अन्तर होता है। वयली लिप्यन्तरण से पहले प्रचलित लिप्यन्तरण योजनाएँ न तो उच्चारण को पूर्णतः संरक्षित कर पातीं थीं न ही लिपि की वर्तनी को। वयली लिप्यन्तरण योजना, तिब्बती उच्चारण का अनुगमन नहीं करती बल्कि तिब्बती लिपि (वर्तनी) को रोमन लिपि में प्रस्तुत करने की योजना है।