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योनीको भित्ताहरु मुख्यतः चिल्ला मांशपेशी र फाइब्रोइलास्टिक [[यौन उत्पेरक]]ले बनेको हुन्छ। सामान्य अवस्था मा योनीको भित्ताहरु आपसमा चप्किएर रहने गर्छन् [[संभोग]] क्रियाको बेलामा लिंग प्रबेश हुदा यिनिहरु अलगिन्छन् ।
 
योनिको अम्लीय वातावरण [[शुक्राणु]]हरुको प्रतिकूल हुन्छ तर पुरुष को लिंग ग्रंथिबाट निस्कने पदार्थ क्षारीय हुन्छ, जसले योनिको अम्लियपनलाई निष्क्रिय गर्नमा मदत गर्छ।
योनि को चिकना बनाये रखने के लिए श्लेष्मा स्राव गर्भाशय ग्रीवा में मौजूद ग्रंथियों से ही आता है। यह स्राव क्षारीय होता है लेकिन योनि में प्राकृत रूप से पाये जाने वाले बैक्टीरिया ([[डोडर्लिन बेसिलाइ]]) श्लेष्मिक परत में मौजूद ग्लाइकोजन को [[लैक्टिक एसिड]] में बदल देते हैं, जिससे योनि के स्राव की प्रतिक्रिया अम्लीय हो जाती है। इससे योनि में किसी भी तरह का संक्रमण होने की संभावना समाप्त हो जाती है।
 
योनि का अम्लीय वातावरण [[शुक्राणु]]ओं के प्रतिकूल होता है लेकिन पुरुष की अनुषंगी लिंग ग्रंथियों से स्रावित होने वाले द्रव क्षारीय होते हैं, जो योनि की अम्लता को निष्क्रिय करने में मदद करते हैं। डिम्बोत्सर्जन समय के आस-पास गर्भाशय ग्रीवा की ग्रंथियां भी ज्यादा मात्रा में क्षारीय श्लेष्मा का स्राव करती है।
 
== सन्दर्भ सूची ==
"https://ne.wikipedia.org/wiki/योनीमार्ग" बाट अनुप्रेषित