"देवीभागवत पुराण" का संशोधनहरू बिचको अन्तर
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{{ ज्ञानबाकस पुस्तक
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| image_caption = देवीभागवत पुराण , [[गीताप्रेस गोरखपुर]]को आवरण पृष्ठ
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यो पुराण परम पवित्र वेदको प्रसिद्ध श्रुतीहरूका अर्थ बाट अनुमोदित, अखिल शास्त्रहरूका रहस्यका श्रोत तथा आगमहरूमा आफ्नो प्रसिद्ध स्थान राख्दछ। यो सर्ग, प्रतिसर्ग, वंश, वंशानुकीर्ति, मन्वन्तर आदि पाउँचहरूलक्षणहरूबाट पूर्ण छन्। पराम्बा भगवतीका पवित्र आख्यानहरूबाट युक्त छ। यस पुराणमा लगभग १८,००० श्लोक छ।
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