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'''हिमाचल प्रदेश''' ([[अंग्रेज़ी भाषा|अंग्रेज़ी]]: Himachal Pradesh, [[पंजाबी भाषा|पंजाबी]]: ਹਿਮਾਚਲ ਪ੍ਰਦੇਸ਼, [[सहायता:IPA|उच्चारण]] {{audio-IPA|Himachal.ogg|[hɪmaːtʃəl prəd̪eːʃ]}}) उत्तर-पश्चिमी [[भारत]] मा स्थित एक राज्य है। यहयो 21,629 मील² (56019 किमी²) <ref name=area>{{cite web |url = http://www.indianmirror.com/geography/geo9.html| title = भारतको बारेमा सांख्यकीय तथ्य |accessdate = 2006-10-26| publisher = www.indianmirror.com }}</ref> सेभन्दा अधिकधेरै क्षेत्रमा फैलिएको छ तथा उत्तरमा [[जम्मू कश्मीर]], पश्चिम तथा दक्षिण-पश्चिममा [[पंजाब]], दक्षिणमा [[हरियाणा]] एवं [[उत्तर प्रदेश]], दक्षिण-पूर्वमा [[उत्तराखण्ड]] तथा पूर्वमा [[तिब्बत]] सेबाट घिराघेरिएको हुआ है।छ। हिमाचल प्रदेश काप्रदेशको शाब्दिक अर्थ ''बर्फ़ीले पहाड़ोंपहाडहरुको का प्रांतप्रान्त'' है। <ref name=hplm1>{{cite web |url = http://www.himachalpradesh.us/geography/himalayas_in_himachal.php |title = हिमाचल प्रदेश काप्रदेशको शाब्दिक अर्थ |accessdate = 2007-05-20 |publisher = www.himachalpradesh.us}}</ref>
हिमाचल प्रदेश कोप्रदेशलाई '''देव भूमि''' भीपनि कहा जाता है। इसयस क्षेत्रमा आर्यों काआर्यहरुको प्रभाव [[वेद|ऋग्वेद]] सेभन्दा भीपनि पुराना है। आंग्ल-गोरखा युद्ध पछी, यहयो ब्रिटिश औपनिवेशिक सरकारको हाथ मा आ गया। सन 1857 तकसम्म यहयो [[महाराजा रणजीत सिंह]] को शासनको अधीन पंजाब राज्य (पंजाब हिल्सको सीबा राज्यराज्यलाई को छोड़करछोडेर) काको हिस्सा था।थियो।<ref name=bsahis123>{{cite web
|url = http://www.webindia123.com/himachal/history/history.htm
|title = हिमाचल काहिमाचलको इतिहास
|accessdate = 2007-04-28
|publisher = Suni system (P)
}}</ref>
सन 1950 मा इसेयसलाई [[केन्द्र शासित प्रदेश]] बनाया गया, लेकिन 1971 मा इसेयसलाई, [[हिमाचल प्रदेश राज्य ऐन-1971]] को अन्तर्गत इसेयसलाई 25 जून 1971 को भारत काभारतको अठारहवाँ राज्य बनाया गया।
हिमाचल प्रदेश कीप्रदेशको [[प्रतिव्यक्ति आय]] भारतको किसीकुनै भीपनि अन्य राज्य कीराज्यको तुलनामा अधिकधेरै है।छ। बारहमासी नदियों कीनदिहरुको बहुतायतको कारण, हिमाचल अन्य राज्यों को [[पनबिजली]] बेचता है जसमा प्रमुख हैं [[दिल्ली]], [[पंजाब]] र [[राजस्थान]]। राज्य कीराज्यको अर्थव्यवस्था तीन प्रमुख कारकों परकारकहरुमा निर्भर करती हैगर्दछ जो हैंहो, पनबिजली, [[पर्यटन]] र [[कृषि]]। <ref>[http://www.yesbank.in/downloads/KnowledgeBank_17Jan06/YESBANK_Knowledge_ExecutiveSummary_Himachal.pdf हिमाचल प्रदेशमा अर्थव्यवस्था विकास] yesbank.in अभिगमन तिथी- April 2008</ref>
हिंदु राज्यराज्यको की जनसंख्या काजनसंख्याको 95% हैं र प्रमुख समुदायहरुमा ब्राह्मण, राजपूत, कन्नेत, राठी र कोली शामिल हैं। ट्रान्सपरेन्सी इंटरनैशनलको 2005 को सर्वेक्षणको अनुसार, हिमाचल प्रदेश देशमा केरल पछी दूसरी सबसेसबभन्दा कम भ्रष्ट राज्य है।<ref>{{cite web| url = http://www.transparency.org/regional_pages/asia_pacific/newsroom/news_archive__1/india_corruption_study_2005 | title= भारतीय भ्रष्टाचार अध्ययन - 2005 | publisher=Transparency International | accessdate=2007-05-29}}</ref>
 
==इतिहास==
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|<!--col7-->[[File:Narasimha Temple, Brahmaur, Chamba.jpg|199x70px]]
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हिमाचल प्रदेश काप्रदेशको इतिहास उतना ही प्राचीन है, जितना कि मानव अस्तित्व काअस्तित्वको अपना इतिहास है। इस बातयस कीकुराको सत्यताको प्रमाण हिमाचल प्रदेशको विभिन्न भागहरुमा हुईभएको खुदाई माउत्खननमा प्राप्त सामग्रियों सेसामग्रीबाट मिलते हैं। प्राचीनकालमा इसयस प्रदेशको आदि निवासी दास, दस्यु र निषादको नामनामबाट से जाने जाते थे।जानिन्थ्यो। उन्नीसवीं शताब्दीमा रणजीत सिंहसिंहले ने इसयस क्षेत्रको अनेक भागों कोभागहरुलाई अपने राज्यमा मिला लिया। जब अंग्रेज यहां आए, तो उन्होंने गोरखा लोगों को पराजित गरेर केही कुछ राजाओंराजाहरुको की रियासतों को अपनेरियासतहरुलाई साम्राज्यमा मिला लिया।
 
*'''शिमला हिल स्टेट्स कीस्टेट्सको स्थापना'''
1945 ई. तकसम्म प्रदेश भरमा प्रजा मंडलों कामंडलहरुको गठन होभै चुकासकेको था।थियो। 1946 ई. मा सभीसबै प्रजा मंडलोंमंडलहरु कोलाई एचएचएसआरसी मा शामिल कर लियागरियो तथा मुख्यालय मंडी मा स्थापित किया गया।गरियो। मंडीको स्वामी पूर्णानंद कोलाई अध्यक्ष, पदमदेव कोलाई सचिव तथा शिव नंद रमौल (सिरमौर) कोलाई संयुक्त सचिव नियुक्त किया।गरियो। एचएचएसआरसी को नाहन मा 1946 ई. मा चुनाव हुए, जसमा यशवंत सिंह परमार को अध्यक्ष चुना गया। जनवरी, 1947 ई. मा राजा दुर्गा चंद (बघाट) कीको अध्यक्षतामा शिमला हिल्स स्टेट्स यूनियन कीयूनियनको स्थापना की गई।गरियो। जनवरी, 1948 ई. मा इसकायसको सम्मेलन सोलन मा हुआ। हिमाचल प्रदेशको निर्माण कीनिर्माणको घोषणा इसयस सम्मेलनमा की गई।गरियो। दूसरी तरफ प्रजा मंडलको नेताओं कानेताहरुको शिमला मा सम्मेलन हुआ, जसमा यशवंत सिंह परमारपरमारने नेयस इसकुरामा बातजोड पर जोर दियादिए कि हिमाचल प्रदेश काप्रदेशको निर्माण तभीतब संभव है, जब शक्ति प्रदेश कीप्रदेशको जनता तथा राज्यको हाथ सौंप दी जाए। शिवानंद रमौल कीको अध्यक्षतामा हिमालयन प्लांट गर्वनमेंट कीको स्थापना की गईगरियो, जिसकाजसको मुख्यालय शिमलामा था।थियो। दो मार्च, 1948 ई. को शिमला हिल स्टेट को राजाओं काराजाहरुको सम्मेलन दिल्लीमा हुआ। राजाओं कीराजाहरुको अगवाई मंडीको राजा जोगेंद्र सेन करगरिरहेका रहेथिए। थे।यि इन राजाओं नेराजाहरुले हिमाचल प्रदेशमा शामिल हुनको लागी 8 मार्च, 1948 को एक समझौते परसम्झौतामा हस्ताक्षर किए।गरे। 15 अप्रैल, 1948 ई. को हिमाचल प्रदेश राज्य काराज्यको निर्माण कियागरेको था।थियो। उस समय प्रदेश भर को चार जिल्लाहरुमा बांटा गया र पंजाब हिल स्टेट्स को पटियाला र पूर्व पंजाब राज्य काराज्यको नाम दिया गया। 1948 ई. मा सोलन कीको नालागढ़ रियासत कोंलाई शामिल किया गया। अप्रैल 1948 मा इसयस क्षेत्र कीक्षेत्रको 27,000 वर्ग कि.मी. मा फैलिएको लगभग 30 रियासतों को मिलाकरमिलाएर इसयस राज्य कोराज्यलाई [[केंद्र शासित प्रदेश]] बनाया गया।बनाईयो।
*'''1950 ई. मा प्रदेश काप्रदेशको पुनर्गठन'''
1950 ई. मा प्रदेशको पुनर्गठनको अंतर्गतअन्तर्गत प्रदेशप्रदेशको की सीमाओं कासिमानाको पुनर्गठन किया गया। कोटखाई को उपतहसील काको दर्जा देकरदिएर खनेटी, दरकोटी, कुमारसैन उपतहसीलको केही क्षेत्र तथा बलसनको केही क्षेत्र तथा बलसनको केही कुछ क्षेत्र कोटखाई मा शामिल किए गए।गरियो। कोटगढ़ को कुमारसैन उपतहसीलमा मिला गया। उत्तर प्रदेशको दो गांव संगोस र भांदर जुब्बल तहसीलमा शामिल कर दिए गए।गरियो। पंजाबको नालागढ़ सेनालागढ़बाट सात गांव लेकरलिएर सोलन तहसीलमा शामिल गए गए।गरियो। यसको बदलामा शिमलाको नजदीक कुसुम्पटी, भराड़ी, संजौली, वाक्ना, भारी, काटो, रामपुर। यसको साथै पेप्सी (पंजाब) को छबरोट क्षेत्र कुसुम्पटी तहसीलमा शामिल कर दिया गया।गरियो।
*'''बिलासपुर जिल्लाको विलय'''
बिलासपुर रियासत को 1948 ई. मा प्रदेश सेप्रदेशबाट अलग रखाराखिएको गया था।थियो। उन दिनों इसयस क्षेत्रमा भाखड़ा-बांध परियोजना कापरियोजनाको कार्य चलाउनको कारण इसेयसलाई प्रदेशमा अलग रखा गया। एक जुलाई, 1954 ई. को कहलूर रियासत को प्रदेशमा शामिल गरेर यसलाई बिलासपुर काको नाम दिया गया। उस समय बिलासपुर तथा घुमारवीं नामक दो तहसीलें बनाई गईं। यहयो प्रदेश काप्रदेशको पांचवां जिल्ला बना। 1954 मा जब ‘ग’ श्रेणी कीको [[रियासत]] बिलासपुर कोलाई यसमा मिलाया गया, तो इसकायसको क्षेत्रफल बढ़करबढेर 28,241 वर्ग कि.मी.हो गया।भयो।
*'''किन्नौर जिल्लाको स्थापना'''
एक मई, 1960 कोमा छठे जिल्लाको रूपमा किन्नौर काकिन्नौरको निर्माण किया गया। इसयस जिल्लामा महासू जिल्लाको चीनी तहसील तथा रामपुर तहसील को 14 गांव शामिल गए गए। इसकीयसको तीन तहसीलें कल्पा, निचार र पूह बनाई गईं।
*'''पंजाब कापंजाबको पुनर्गठन'''
वर्ष 1966 मा पंजाब कापंजाबको पुनर्गठन किया गया तथा पंजाब व हरियाणा दो राज्य बना दिए गए। भाषा तथा तिहाड़ी क्षेत्रको पंजाबपंजाबबाट से लेकरलिएर हिमाचल प्रदेशमा शामिल कर दिए गए।गरियो। संजौली, भराड़ी, कुसुमपटी आदि क्षेत्र जो पहलेपहिले पंजाबमा थेथियो तथा नालागढ़ आदि जो पंजाबमा थेथियो, उन्हेंत्यसलाई पुनः हिमाचल प्रदेशमा शामिल कर दिया गया।गरियो। सन 1966 मा यसमा [[पंजाब]] को पहाड़ी क्षेत्रोंक्षेत्रहरुलाई कोसमेटेर मिलाकर इसकायसको पुनर्गठन कियागरियो गयातब तो इसकायसको क्षेत्रफल बढ़करबढेर 55,673 वर्ग कि.मी. हो गया।भयो।
*'''1972 ई. मा पुनर्गठन'''
हिमाचल प्रदेश को पूर्ण [[राज्य]] काको दर्जा २५ जनवरी, १९७१ कोमा मिला। 1 नवंबर, 1972 को कांगड़ा जिल्लाको तीन जिल्ला कांगड़ा, ऊना तथा हमीरपुर बनाए गए। महासू जिल्लाको क्षेत्र बाट सोलन जिल्ला बनाया गया।
 
== भूगोल ==
{{main|हिमाचल प्रदेश काप्रदेशको भूगोल}}
 
हिमाचल प्रदेश [[हिमालय]] पर्वत कीपर्वतको [[शिवालिक]] श्रेणी काश्रेणीको हिस्सा है। शिवालिक पर्वत श्रेणी सेश्रेणीबाट हीनै [[घग्गर]] नदी निकलती है। राज्य कीराज्यको अन्य प्रमुख नदियों मानदिहरुमा [[सतलुज]] र [[व्यास]] शामिल है। '''हिमाचल''' [[हिमालय]] काको सुदूर उत्तरी भाग [[लद्दाख]] को ठंडे मरुस्थल कामरुस्थलको विस्तार है र लाहौल एवं स्पिति जिल्लाको स्पिति उपमंडलमा है। हिमालय कीहिमालयको तीनों मुख्य पर्वत श्रंखलाएँ, बृहत हिमालय, लघु हिमालय; जिन्हें हिमाचलमा [[धौलाधार]] र [[उत्तरांचल]] मा नागतीभा कहा जाता है र उत्तर-दक्षिण दिशामा फैलिएको [[शिवालिक]] श्रेणी, इसयस हिमालय खंडमा स्थित हैं। लघु हिमालयमा 1000 सेदेखी 2000 मीटर ऊँचाई वालेभएको पर्वत ब्रिटिश प्रशासनको लागी मुख्य आकर्षण केंद्र रहे हैं।
 
===नदियांनदीहरु===
 
हिमाचल प्रदेशमा पांच प्रमुख नदियां बहती हैं। हिमाचल प्रदेशमा बहने वाले पांचों नदियां एवं छोटे-छोटे नाले बारह मासी हैं। यिनीहरुको स्रोत बर्फ सेबर्फबाट ढकी पहाडमा स्थित हैं। हिमाचल प्रदेशमा बहने वाली पांच नदिहरु मध्ये चार काचारको उल्लेख ऋग्वेदमा मिलता है। उस समय ये अन्य नामोंनामहरुबाट सेजानिन्थ्यो जानी जाती थीं जैसेजस्तो अरिकरी (चिनाब) पुरूष्णी (रावी), अरिजिकिया (ब्यास) तथा शतदुई (सतलुज) पांचवी नदी यमुना जो यमुनोत्तरीयमुनोत्तरीबाट सेनिकलन्छ निकलती है उसकात्यसको सूर्य देव सेदेवसंग पौराणिक संबंध दर्शाया जाता है।
 
'''रावी नदीः''' रावी नदी कानदीको प्राचीन नाम ‘इरावती र परोष्णी’ है। रावी नदी मध्य [[हिमालय]] कीको धौलाधार शृंखला कीशृंखलाको शाखा बड़ा भंगाल सेभंगालबाट निकलती है। रावी नदी ‘भादल’ र ‘तांतागिरि’ दो खड्डों सेबाट मिलकरमिलेर बनती है।बन्दछ ये खड्डें बर्फ पिघलनेपग्लिएर सेबन्दछ। बनती है। यहयो नदी चंबा सेचंबाबाट खेड़ीको नजिक पास [[पंजाब]] मा प्रवेश करती हैगर्दछपंजाब सेपंजाबबाट [[पाकिस्तान]] मा प्रवेश करतीगर्दछ। है। यहयो भरमौर र [[चंबा]] सहरमा बहती है। यहयो बहुत ही उग्र नदी है। इसकीयसको सहायक नदियां तृण दैहण, बलजैडी,स्यूल, साहो, चिडाचंद, छतराड़ी र बैरा हैं। इसकीयसको लंबाई 720 किलोमीटर है, परंतुतर हिमाचलमा इसकीयसको लंबाई 158 किलोमीटर है। सिकंदर महानको साथ आए यूनानी इतिहासकार नेइतिहासकारले इसेयसलाई ‘हाइड्रास्टर र रहोआदिस’ काको नाम दियादिईएको था।थियो।
 
'''ब्यास नदीः''' ब्यास नदी कानदीको पुराना नाम ‘अर्जिकिया’ या ‘विपाशा’ था।थियो। यहयो [[कुल्लू]] मा व्यास कुंडकुंडबाट से निकलती है।निकलन्छ। व्यास कुंड पीर पंजाल पर्वत शृंखलामा स्थित रोहतांग दर्रे मा है। यहयो [[कुल्लू]], [[मंडी]], [[हमीरपुर]] र [[कांगड़ा]] मा बहती है। कांगड़ा सेकांगड़ाबाट मुरथल को नजिक पंजाबमा चली जाती है।जान्छ। [[मनाली]], [[कुल्लू]], बजौरा, औट, पंडोह, [[मंडी]], सुजानपुर टीहरा, नादौन र देहरा गोपीपुर यसको प्रमुख तटीय स्थान हैं। इसकीयसको कुल लंबाई 460 कि.मी. है। हिमाचलमा इसकीयसको लंबाई 260 कि.मी. है। कुल्लू मा पतलीकूहल, पार्वती, पिन, मलाणा-नाला, फोजल, सर्वरी र सैज इसकीयसको सहायक नदियां हैं। कांगडामा सहायक नदियां बिनवा न्यूगल, गज र चक्की हैं। इसयस नदी कानदीको नाम महर्षि ब्यासको नामनाममा परराखिएको रखाछ। गयायो है। यह प्रदेश कीप्रदेशको जीवनदायिनी नदिहरु मध्ये से एक है।हो।
 
'''चिनाव नदीः''' चिनाव नदी जम्मू-कश्मीरकश्मीरबाट से होती हुईहुदै पंजाब राज्यमा बहने वाली नदी है। पानीको घनत्वघनत्वको कीदृष्टिबाट दृष्टि से यह प्रदेशयो कीप्रदेशको सबसेसबभन्दा बड़ीठुलो नदी है। यहयो नदी समुद्र तल सेसतहाबाट लगभग 4900 मीटर कीमीटरको ऊंचाई परमा बारालाचा दर्रे (लाहौल स्पीति) को नजिकबाट निकलने वाली चन्द्रा र भागा नदिहरु तांदी नामक स्थानस्थानमा परमिलेपछी मिलनेबन्दछ। सेयस बनती है। इस नदी कोनदीलाई वैदिक साहित्यमा ‘अश्विनी’ नाम सेनामबाट संबोधित कियागरिएको गया है।छ। ऊपरी हिमालय परहिमालयमा टांडी मा ‘चन्द्र’ र ‘भागा’ नदियां मिलती हैं, जो चिनाव नदी कहलाती है। महाभारत कालमा इसयस नदी कानदीको नाम ‘चंद्रभागा’ भीपनि प्रचलित हो गयाभएको था।थियो। ग्रीक लेखकों ने चिनाव नदी को ‘अकेसिनीज’ लिखा है, जो अश्विनी काको हीनै स्पष्ट रूपांतरण है। चंद्रभागा नदी मानसरोवर (तिब्ब्त) को निकट चंद्रभागा नामक पर्वत सेपर्वतबाट निस्तृत होती है र सिंधु नदीमा गिर जाती है। चिनाव नदी कीनदीको ऊपरी धारा कोधारालाई चद्रभागा कहकरभनेर, पुःन शेष नदी कानदीको प्राचीन नाम अश्विनी कहाभनियो। गयायस है। इस नदी को हिमाचलनदीलाई सेहिमाचलबाट अदभुत माना गया है। इस नदीयस कानदीको तटवर्ती प्रदेश पूर्व गुप्त कालमा म्लेच्छों तथा यवन शव आदि द्वारा शासित था।थियो।
 
==जलवायु==
{{main|हिमाचल प्रदेश कीप्रदेशको जलवायु}}
हिमाचलमा तीन ऋतुएं होती हैं - ग्रीष्म ऋतु, शरद ऋतु र वर्षा ऋतु। हिमाचल प्रदेशप्रदेशको कीसमुद्र समुद्रतलसतहबाट से ऊंचाई कीऊंचाईको विविधताको कारण जलवायुमा पनि भिन्नता है। कहीं सारा वर्ष [[बर्फ]] गिरती है, तो कहीं [[गर्मी]] होती हे। हिमाचलमा गर्म पानीको चशमें भीपनि हैं र हिमनद भीपनि है। ऐसा समुद्रतलसमुद्र से ऊंचाई की भिन्नतासतहबाट कीऊंचाईको वजहभिन्नताको सेकारणबाट है।
 
== कृषि ==
{{main|कृषि (हिमाचल प्रदेश)}}
 
[[कृषि]] हिमाचल प्रदेश काप्रदेशको प्रमुख [[व्‍यवसाय]] है। यह राज्‍ययसले कीराज्‍यको [[अर्थव्‍यवस्‍था]] मा महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाती है। यहयसले 69 प्रतिशत कामकाजी आबादी को सीधा रोजगार मुहैया कराती है। कृषि र उससेत्यससंग संबंधित क्षेत्र से होनेक्षेत्रबाट वालीहुने आय प्रदेशको कुल घरेलू उत्‍पाद काउत्‍पादको 22.1 प्रतिशत है। कुल भौगोलिक क्षेत्र 55.673 लाख हेक्‍टेयर मध्ये 9.79 लाख हेक्‍टेयर भूमिको स्‍वामी 9.14 लाख किसान हैं। मंझोले र छोटे किसानहरुको साथ कुल भूमि काभूमिको 86.4 प्रतिशत भाग है। राज्‍यमा कृषि भूमि केवल 10.4 प्रतिशत है। लगभग 80 प्रतिशत क्षेत्र वर्षा-सिंचित है र किसान इंद्र देवता परदेवतामा निर्भर रहते हैं।
 
=== बागवानी ===
 
प्रकृति ने हिमाचल प्रदेश को व्‍यापक कृषि जलवायु परिस्थितियां प्रदान कीगरेको हैं जिसकीजसको वजहकारण सेबाट किसानों कोकिसानहरुलाई विविध फल उगाने मा सहायता मिली है। बागवानीको अंतर्गत आने वाले प्रमुख फल हैं-[[सेब]], [[नाशपाती]], [[आडू]], [[बेर]], [[खूमानी]], गुठली वाले फल, [[नींबू]] प्रजातिको फल, [[आम]], [[लीची]], [[अमरूद]] र झरबेरी आदि। 1950 मा केवल 792 हेक्‍टेयर क्षेत्र [[बागवानी]] को अन्तर्गत थाथियो, जो बढ़करबढेर 2.23 लाख हेक्‍टेयर हो गया है। इसी तरह,1950 मा फल उत्‍पादन 1200 मीट्रिक टन थाथियो, जो 2007 मा बढकरबढेर 6.95 लाख टन हो गया है।
 
=== वानिकीवन क्षेत्र ===
 
राज्‍य काराज्‍यको कुल भौगोलिक [[क्षेत्रफल]] 55,673 वर्ग किलोमीटर है। वन रिकार्डको अनुसार कुल वन क्षेत्र 37,033 वर्ग किलोमीटर है। यस मध्ये 16,376 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र ऐसा है जहां पहाड़ी [[चरागाह]] वाली वनस्‍पतियां नहीं उगाई जा सकतीं क्‍योंकि यहयो स्‍थायी रूप सेरूपबाट [[बर्फ]] सेबाट ढका रहता है।ढाकिरहन्छ।
 
राज्‍यमा 2 राष्‍ट्रीय पार्क र 32 वन्‍यजीवन [[अभयारण्‍य]] हैं। वन्‍यजीवन अभयारण्‍यको अंतर्गत कुल क्षेत्र 5,562 कि.मी., राष्‍ट्रीय पार्कको अन्तर्गत 1,440 कि.मी. है। इसयस तरह कुल संरक्षित क्षेत्र 7,002 कि.मी. है।
 
== सडक ==
 
हिमाचल प्रदेश राज्‍यमा यहां कीयहांको सडक नै यहां कीयहांको जीवन रेखा हैं र ये [[संचार]] को प्रमुख साधन हैं। यसको 55,673 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल मध्ये 36,700 किलोमीटरमा बसाहट है, जस मध्ये 16,807 गांव अनेक पर्वतीय श्रृखलाओं र घाटियों को ढलानोंढलानमा परफैलिएको फैले हुए हैं।छ। जब यहयो राज्‍य 1948 मा अस्तित्‍वमा आया, तो यहां केवल 288 कि.मी. लंबी सडक थियो जो 15 अगस्‍त 2007 तकसम्म बढ़करबढेर 30,264 होभएको गई हैं।छ।
 
== सिंचाई र जलापूर्ति ==
 
साल 2007 तकसम्म हिमाचल प्रदेशमा कुल बुवाई क्षेत्र 5.83 लाख हेक्‍टेयर था।थियो। गांवों मा पिउने पानीको सुविधा उपलब्‍ध कराई गई र अबअहिले तकसम्म राज्‍यमा 14,611 हैंडपंप लगाई सकिएको छ। हिमाचल प्रदेशमा भूजल कीको उलब्धता 36,615.92 हैक्टेयर मीटर (है.मी.) है।<ref>http://hindi.indiawaterportal.org/ केंद्रीय भूजल बोर्ड</ref>
 
== पर्यटन ==
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|<!--col8-->[[File:Kufri Simla Himachal Inida (12).JPG|199x70px]]
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[[पर्यटन]] उद्योग को हिमाचल प्रदेशमा उच्‍च प्राथमिकता दी गई है र हिमाचल सरकार ने यसको विकासको लागी समुचित ढांचा विकसित किया है जसमा जनोपयोगी सेवाएंसेवाहरु, सडक, संचार तंत्र हवाई अड्डे यातायात सेवाएंसेवा, जलापूर्ति र जन स्‍वास्‍थ्‍य सेवाएंसेवा शामिल है। राज्‍य पर्यटन विकास निगम राज्‍य कीराज्‍यको आयमा 10 प्रतिशत काप्रतिशतको योगदान करता है।गर्दछ।
राज्‍यमा तीर्थो र नृवैज्ञानिक महत्‍वको स्‍थलों कास्‍थलहरुको समृद्ध भंडार है। राज्‍य को व्‍यास, पाराशर, वसिष्‍ठ, मार्कण्‍डेय र लोमश आदि ऋषिहरुको निवास स्‍थल होने काभएको गौरव प्राप्‍त है। गर्म पानीको स्रोत, ऐतिहासिक दुर्ग, प्राकृतिक र मानव निर्मित झीलें, उन्‍मुक्‍त विचरते चरवाहे पर्यटकहरुको लागी असीम सुख र आनंद काआनन्दको स्रोत हैं।
 
=== पर्यटन आकर्षण ===
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'''चंबा घाटी'''
 
[[चंबा]] घाटी (915 मीटर) कीको ऊंचाई परऊंचाईमा [[रावी]] नदीको दाएं किनारेकिनारामा पर है।छ। पुराने समयमा राजशाही काराजतन्त्रको [[राज्‍य]] भएको कारण यहयो लगभग एक शताब्‍दी पुराना राज्‍य है र 6वीं शताब्‍दी सेदेखी इसकायसको [[इतिहास]] मिलता है। यहयो अपनी भव्‍य [[वास्‍तुकला]] र अनेक रोमांचक यात्राको लागी एक आधारको तौर पररुपमा विख्‍यात है।
 
'''डलहौज़ी'''
 
पश्चिमी हिमाचल प्रदेशमा [[डलहौज़ी]] नामक यहयो पर्वतीय स्‍थान पुरानी दुनियाविश्वको कीचीजहरुबाट चीजोंभरिएको से भरा पड़ा है र यहां राजशाही युगराजतन्त्र कीयुगको भाव्‍यता बिखरी पड़ी है। यहयो लगभग 14 वर्ग किलो मीटर फैला है र यहां काठ लोग, पात्रे, तेहरा, बकरोटा र बलूम नामक 5 पहाडियां है। इसेयसलाई 19वीं शताब्‍दीमा ब्रिटिश गवर्नर जनरल, लॉड डलहौज़ी को नामनाममा परबनाईएको बनायाथियो। गया था। इसयस कस्‍बे कीको ऊंचाई लगभग 525 मीटर सेदेखी 2378 मीटर तकसम्म है र यसको छेउ छाउ विविध प्रकार कीप्रकारको वनस्‍पति-पाइन, देवदार, ओक र फूलों से भरेफूलहरुबाट हुएभरिएको रोडो डेंड्रॉन पाए जाते हैं डलहौज़ी मा मनमोहक उप निवेश यु‍गीन वास्‍तुकला है जसमा केही सुंदर [[गिरजाघर]] शामिल है। यहयो मैदानको मनोरम दृश्‍यों को प्रस्‍तुत गर्नुको साथ एक लंबी रजत रेखाको समान दिखाई देने वाले रावी नदीको साथ एक अद्भुत दृश्‍य प्रदर्शित करता हैगर्दछ जो घूम करघूमेर डलहौज़ी को नीचे जाती है। बर्फतम सेजान्छ। ढकाबर्फबाट हुआढाकिएको [[धोलाधार]] पर्वत भीपनि इसयस कस्‍बे सेबाट साफ दिखाई देता है।
 
'''धर्मशाला'''
 
[[धर्मशाला]] कीको ऊंचाई 1,250 मीटर (4,400 फीट) र 2,000 मीटर (6,460 फीट) को बीच है। यहयसलाई अपनी प्राकृतिक सुंदरताको लागी जाना जाता है, जहां पाइन को ऊंचे पेड़, [[चाय]] को [[बागान]] र इमारती लकड़ी पैदाउत्पादन करनेगर्ने वाले बड़ेठुलो वृक्ष ऊंचाई, शांति तथा पवित्रता को साथ यहां खड़े दिखाई देते हैं। वर्ष 1960 सेबाट, जब सेदेखी [[दलाई लामा]] नेनले अपना अस्‍थायी [[मुख्‍यालय]] यहां बनायाबनाए, [[धर्मशाला]] कीको अंतरराष्‍ट्रीय ख्‍याति भारतको सानो [[ल्‍हासा]] को रूपमा बढ़ गई है।
 
'''कुफरी'''
 
अनंत दूरी तकसम्म चलता आकाश, बर्फबर्फबाट सेढाकिएको ढकी चोटियांशिखरहरु, गहरीगहिरो घाटियां र मीठेमीठो पानीको झरनेझरना, [[कुफरी]] मा यहयो सब है । यहयो पर्वतीय स्‍थान [[शिमला]] को छेउ समुद्री तल सेसतहबाट 2510 मीटर की ऊंचाईमीटरको परऊंचाईमा हिमाचल प्रदेशको दक्षिणी भागमा स्थित है। कुफरीमा ठण्‍डको मौसममा अनेक खेलों काखेलहरुको आयोजन किया जाता है जैसेजस्तो स्‍काइंग र टोबोगेनिंग को साथ चढ़ाडयोंचढ़ाडाईमा पर चढ़ना।चढ़नु। ठण्‍डको मौसममा हर वर्ष खेल कार्निवाल आयोजित किए जाते हैं र यहयो उन पर्यटकहरुको लागी एक बड़ा आकर्षण है जो केवल इन्‍हें हेर्नको लागी यहां आते हैं। यहयो स्‍थान ट्रेकिंग र पहाड़ी परम्राअ चढ़ने को लागी भीपनि जानापरिचित जाता है जो रोमांचकारी खेल प्रेमियों काप्रेमीहरुको आदर्श स्‍थान है।
 
'''मनाली'''
 
[[कुल्‍लू]] सेदेखी उत्तर दिशामा केवल 40 किलो मीटरमीटरको की दूरी परदूरीमा लेह की ओरतर्फ जाने वाले राष्‍ट्रीय राजमार्ग परराजमार्गमा घाटी को सिरे को नजिक [[मनाली]] स्थित है। लाहुल, स्‍पीति, बारा भंगल (कांगड़ा) र जनस्‍कर पर्वत श्रृंखला परश्रृंखलामा चढ़ाई गर्नेहरुको लागी यो एक मनपसंद स्‍थान है। मंदिरों सेमन्दिरहरुबाट अनोखी चीजों तकसम्म, यहां सेयहांबाट मनोरम दृश्‍य र रोमांचकारी गतिविधियां मनाली को हर मौसम र सभीसबै प्रकारको यात्रिहरुको बीच लोकप्रिय बनाती हैं।
 
 
'''कुल्‍लू'''
 
[[कुल्लू]] घाटी कोघाटीलाई पहले कुलंथपीठ कहा जाता था। कुलंथपीठभनिन्थ्यो। काकुलंथपीठको शाब्दिक अर्थ है रहने योग्‍य दुनियाविश्वको का अंत।अन्त। कुल्‍लू घाटी भारतमा देवताओं कीदेवताहरुको घाटी रही है। यहांको मंदिर, सेब को बागान र दशहरा हजारों पर्यटकों को कुल्‍लू कीको ओरतर्फ आकर्षित करते हैं।गर्दछ। यहांको स्‍थानीय [[हस्‍तशिल्‍प]] कुल्‍लू कीकुल्‍लूको सबसेसबभन्दा बड़ीठुलो विशेषता है।
 
'''शिमला'''
 
हिमाचल प्रदेश कीप्रदेशको [[राजधानी]] र ब्रिटिश कालीन समयमा ग्रीष्‍म कालीन राजधानी [[शिमला]] राज्‍यराज्‍यको का सबसेसबभन्दा महत्‍वपूर्ण पर्यटन केन्‍द्र है। यहां कायहांको नाम देवी '''श्‍यामला''' को नाम परनाममा रखा गया है जो काली काकालीको अवतार है। शिमला लगभग 7267 फीट कीफीटको ऊंचाई परमा स्थित है र यहयो अर्ध चक्र आकारमा बसा हुआ है। यहां घाटी काघाटीको सुंदर दृश्‍य दिखाई देता है र महान हिमालय पर्वती कीपर्वतीको चोटियां चारों ओर दिखाई देती है। शिमला एक पहाड़ीपहाडमा परफैलिएको फैला हुआ है जो करीब 12 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रमा है। यसको छिमेकमा घने जंगल र टेढ़े-मेढे़ रास्ते हैं, जहां परहरेक हर मोड़ परमोडमा मनोहारी दृश्य देखनेदेख्न को मिलते हैं।पाईन्छ। यहयो एक आधुनिक व्यावसायिक केंद्र भीपनि है। शिमला विश्व काविश्वको एक महत्त्वपूर्ण पर्यटन स्थल है। यहां प्रत्येक वर्ष देश-विदेश सेविदेशबाट बड़ी संख्या मा लोग भ्रमणको लागी आते हैं। बर्फबर्फबाट सेढाकिएको ढकी हुई यहां कीयहांको पहाडहरुमा बड़े सुंदर दृश्य देखने को मिलते हैं जो पर्यटकोंपर्यटकहरुलाई को बारपटक-बारपटक आउनको लागी आकर्षित करते हैं।गर्दछ। शिमला संग्रहालय हिमाचल प्रदेश कीप्रदेशको कला एवं संस्कृति कासंस्कृतिको एक अनुपम नमूना है, जसमा यहां कीयहांको विभिन्न कलाकृतियां विशेषकरविशेष गरेर वास्तुकला, पहाड़ी कलम, सूक्ष्म कला, लकडि़यों पर कीमा गईगरिएको नक्काशियां, आभूषण एवं अन्य कृतियां संग्रहित हैं। शिमलामा दर्शनीय स्थलहरुको अतिरिक्त कई अध्ययन केंद्र भीपनि हैं, जसमा लार्ड डफरिन द्वारा 1884-88 मा निर्मित भारतीय उच्च अध्ययन केंद्र बहुत ही प्रसिद्ध है। यहां कुछ ऐतिहासिक सरकारी भवन भीपनि हैं, जैसेजस्तो वार्नेस कोर्ट, गार्टन कैसल व वाइसरीगल लॉज ये भीपनि बड़े ही दर्शनीय स्थल हैं। चैडविक झरना भीपनि एक प्रसिद्ध पर्यटक स्थल है। यसको साथै ग्लेन नामक स्थल भीपनि है। यसको समीप बहता हुआ झरना र सदाबहार जंगल बहुत ही आकर्षक हैं।
 
== राजनीति ==
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|}
 
वर्ष 1971 मा हिमाचल प्रदेश को राज्य काराज्यको दर्जा प्राप्त भएपछी यहां [[भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस|कांग्रेस]] र [[भारतीय जनता पार्टी|भाजपा]] कीको बारी-बारी सेबारीबाट सरकार बनती रही है।
*'''विधान सभा'''
{{main|हिमाचल प्रदेश विधान सभा}}
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*'''विधानसभा चुनाव २०१२'''
{{main|हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव 2012}}
नवम्बर २०१२ मा हिमाचल प्रदेश कीप्रदेशको हिमाचल प्रदेश विधानसभाको लागी भएको चुनाव था।थियो।
[[भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस|कांग्रेस]] ने इसयस चुनाव मा जीत हासिल की।गर्यो। ६८ सीटहरु मध्ये ३६ सीट जीत करजितेर [[भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस|कांग्रेस]] पार्टी नेपार्टीले सरकार बनाई।बनायो।
 
{| class="wikitable" border="1" align="center" cellpadding="3" cellspacing="1" width="560" style="margin: 0 0 1em 1em; background: #F4F5F6; border: 1px #C6C7C8 solid; border-collapse: collapse; font-size: 90%"
| colspan="2" bgcolor="#C2D6E5" align="center" | '''हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव २०१२ परिणाम
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! राजनीतिक दल (संक्षिप्त नाम) || सदस्यों कीसदस्यहरुको संख्या
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| bgcolor bgcolor=#e4e8ff | कांग्रेस || bgcolor=#e4e8ff | ३६
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{{main|हिमाचल प्रदेश सरकार}}
 
नवम्बर २०१२ मा [[भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस|कांग्रेस]] ने राज्य काराज्यको [[विधानसभा]] चुनाव जीता। [[वीरभद्र सिंह]] राज्यको मुख्यमंत्री बने।
 
*'''मुख्यमंत्री'''
 
[[वीरभद्र सिंह]] (जन्म २३ जून, १९३४) [[हिमाचल प्रदेश]] को [[मुख्यमंत्री]] हैं। दिसंबर २५, २०१२ को उन्होने मुख्यमंत्री पद कीपदको शपथ ली ।
 
*'''लोकसभा'''
 
लोकसभामा [[हिमाचल प्रदेश]] को ४ निर्वाचन क्षेत्र हैं। [[कांगड़ा लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र| कांगड़ा]], [[मंडी लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र| मंडी ]], [[शिमला लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र| शिमला]] र [[हमीरपुर (हिमाचल प्रदेश) लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र| हमीरपुर]]। हिमाचल प्रदेश सेप्रदेशबाट चार सदस्य चुने जाते हैं। प्रदेश विधानसभामा 68 विधानसभा चुनाव क्षेत्र हैं। लोकसभाको चार चुनाव क्षेत्रहरुको अंतर्गत प्रत्येक चुनाव क्षेत्रमा 17-17 विधानसभा क्षेत्र आते हैं। लाहुल-स्पीति, किन्नौर तथा भरमौर जनजातीय क्षेत्र हैं र ठंडे व दुर्गम क्षेत्र हैं। इसयस कारण इन क्षेत्रमा चुनाव प्रायः गर्मीमा करवाए जाते हैं।गराईन्छ।
 
== परिवहन ==
{{main|हिमाचल कीहिमाचलको परिवहन व्यवस्था}}
 
सड़क मार्ग इसयस राज्यराज्यको की यातायात कायातायातको मुख्य माध्यम है। परंतुतर [[मानसून]] र ठंडको मौसममा [[भू-स्खलन]] र अन्य वजहों सेकारणहरुबाट यहयो काफी बाधित होता है।
 
== हिमाचल प्रदेशको जिल्ला ==
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[[चित्र:A Village near Trilokinath temple, Lahaul.jpg|thumb|right|225px|लाहौलको निकट गांव]]
 
भारत कीभारतको 2011 जनगणनाको अनुसार हिमाचल प्रदेश कीप्रदेशको कुल जनसंख्या 6,856,509 है। यसमा पुरुषों कीपुरुषको जनसंख्या 3,473,892 तथा महिलाओं कीमहिलाको जनसंख्या 3,382,617 है। 2011 कीको जनगणना आंकडाहरुको अनुसार हिमाचल प्रदेश काप्रदेशको लिंग अनुपात 974/1000 र साक्षरता दर 83.78% है।
{| class="wikitable" border="1" align="center" cellpadding="3" cellspacing="1" width="500" style="margin-left:5px; background: #F4F5F6; border: 1px #C6C7C8 solid; border-collapse: collapse; font-size: 100%"
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== संस्कृति ==
{{main|हिमाचल प्रदेश कीप्रदेशको संस्कृति}}
 
राज्य कीराज्यको प्रमुख भाषाहरुमा [[हिन्दी]], [[काँगड़ी]], [[पहाड़ी]], [[पंजाबी]], र [[मंडियाली]] शामिल हैं। [[हिन्दू]], [[बौद्ध]] र [[सिख]] यहाँको प्रमुख धर्म हैं। पश्चिममा [[धर्मशाला]], [[दलाई लामा]] कीको शरण स्थली है।
 
==पहाड़ी चित्रकला==
हिमाचल प्रदेशमा चित्रकला काचित्रकलाको इतिहास काफी समृद्ध रहा है। प्रदेश की चित्रकलाप्रदेशको काचित्रकलाको राष्ट्रको [[इतिहास]] मा उल्लेखनीय योगदान है। यहांयहांको की चित्रकला कीचित्रकलाको संपदा अज्ञात थी। उन्नीसवीं शताब्दीको उत्तरार्द्धमा हिमाचल तथा पंजाबको अनेक स्थानों परस्थानहरुमा चित्रहरुको नमूनों कीनमूनाको खोज की गई।गरियो। मैटकाफ प्रथम व्यक्ति थेथियो, जिन्होंनेजसले कांगड़ा को पुरात्न महलहरुमा चित्रों कीचित्रहरुको खोज कीगरे गुलेर, सुजानपुर टीहरा तथा [[कांगड़ा]] ऐसेयस्तो हीनै स्थान थेथियो, जहां पर यहयो धरोहर छिपीलुकेको हुई थी।थियो।
 
==खनिज संपदा==
हिमाचलमा अनेक प्रकारको खनिज होते है। यसमा चूनेचून का पत्थरढुंगा, डोलोमाइट युक्त चूने कीचूनको पत्थरढुंगा, चट्टानी नमक, सिलिका रेत र स्लेट होते है। यहां [[लौह]] अयस्क, [[तांबा]], [[चांदी]], [[शीशा]], [[यूरेनियम]] र [[प्राकृतिक]] गैस भीपनि पाई जाती है।पाईन्छ।<br />
'''चट्टानी नमकः''' चट्टानी नमकमा स्थानीय भाषामा ''लेखन'' कहा जाता है। यहयो [[भारत]] कीको एकमात्र चट्टानी नमक कीनूनको खान है। मैगलीमा नमकीननूनिलो पानी कोपानीलाई सुखाकरसुकाएर नमकनून तैयार किया जाता है। चट्टानी नमकनून दवाइयां र पशु चाराको काममा प्रयुक्त होता है।<br />
'''प्राकृतिक तेल गैसः''' प्राकृतिक तेल गैस स्वारघाट ([[बिलासपुर]]) चौमुख ([[सुंदरनगर]]), चमकोल ([[हमीरपुर]]) तथा दियोटसिद्ध ([[हमीरपुर]]) मा पाई जाती है। प्राकृतिक तेल गैस ज्वालामुखी ([[कांगड़ा]]) र रामशहर ([[सोलन]]) मा पनि पाई जाती है।<br />
'''स्लेट :''' प्रदेशमा स्लेट कीस्लेटको लगभग 222 छोटी व बड़ी खाने हैं। खनियारा ([[धर्मशाला]]), [[मंडी]], [[कांगड़ा]] र [[चंबा]] मा अच्छी मात्रामा स्लेट प्राप्त होता है। मंडीमा स्लेट सेस्लेटबाट टाइलें बनाने काबनाउने कारखाना है। स्लेट छत्त र फर्श बनाउनमा प्रयुक्त होता है। अच्छा स्लेट, भारी हिमपातहिमपातबाट सेपनि भी नहीं टूटता है।फुट्दैन।<br />
'''सिलिका रेत :''' सिलिका रेत, बिलासपुर, हमीरपुर, [[कांगड़ा]], ऊना र मंडी कीको खड्डों व नालों मा पाई जाती है। ऊना जिल्लाको पलकवा, हरोली, बाथड़ी खड्डों मा चमकदार पत्थर व रेत पाई जाती है। यहयो भवन निर्माण, पुल, बांध र सडक बनाउनमा प्रयुक्त होती है।<br />
'''यूरेनियम :''' छिंजराढा, जरी (बंजार), ढेला, गढ़सा घाटी (कुल्लू) र हमीरपुरमा यूरेनियम होनेहुन् कीसक्ने संभावना कासंभावनाको पता चला है। यहयो नाभिकीय ऊर्जा काऊर्जाको स्रोत है।
 
==संचार माध्यम==
प्रदेशको विकासमा संचार माध्यम अहम भूमिका निभा रहे है। प्रदेशको दुर्गम इलाकोंइलाकाहरु तकसम्म इन संचार माध्यमों कामाध्यमहरुको विस्तार होभै सकेको चुका है। वर्तमान प्रदेशमा रेडियो, टेलिविजन, दूरभाष, तार, फैक्स, डाक, ई-मेल, इंटरनेट आदि सुविधाएं उपलब्ध है। 1914 मा [[शिमला]] मा देश कादेशको प्रथम स्वचालित दूरभाष केंद्र स्थापित किया गयागरिएको था।थियो। पांच नवंबर, 1983 को लाहुल-स्पीति को हिक्किम क्षेत्रमा विश्व काविश्वको सर्वाधिक ऊंचाई वाला [[डाकघर]] खोलाखोलिएको गया था।थियो। [[शिमला]] मा प्रदेश काप्रदेशको प्रथम [[आकाशवाणी]] केंद्र खोला गया। [[हमीरपुर]], [[धर्मशाला]], [[कुल्लू]], [[कसौली]] र [[किन्नौर]] मा आकाशवाणी केंद, प्रसारण केंद्र स्थापित किए गए है। तरंग टावर मंडी जिल्लाको [[जोगिंदर नगर]] तहसीलमा स्थापित किया गयागरिएको था।थियो।
 
==प्रदेश कीप्रदेशको बिजली परियोजनाएं==
 
हिमाचल प्रदेशमा कई प्रकार सेप्रकारबाट विद्युत [[ऊर्जा]] प्राप्त होती है। यहयो नाभिकीय स्रोत, जल विद्युत, सौर ऊर्जा, कोयले र पेट्रोलियम पदार्थ आदि सेआदिबाट प्राप्त होती है।हुदछ। हिमाचल प्रदेशमा जल विद्युत उत्पादन कीउत्पादनको अधिकठुलो क्षमता है, क्योंकि प्रदेशमा पांच प्रमुख नदियां र अनेक सहायक नदियां हैं। नदियों परनदीहरुमा बांध बनाकरबनाएर जल विद्युत उत्पन्न की जाती है।गरिन्छ। प्रदेशमा अनेक परियोजनाएं हैं, जस मध्ये केही तो पूरीपूरा होभै चुकीसकेका हैंछन र कुछ निर्माणाधीन हैं, जिनकाजसको संक्षिप्त विवरण निम्नलिखित है।
'''पौंग बांध परियोजना'''- यहयो बांध [[कांगड़ा]] जिल्लामा व्यास नदी परनदीमा देहरा सेदेखी 35 किलोमीटर दूर पौंग गांव कीको भूमिभूमिमा परबनेको बना है, जो देशदेशको कासबभन्दा सबसे ऊंचाअग्लो राक-फिल डैम है। इसकीयसको ऊंचाई 435 फुट है र इस परयसमा 160 करोड़ रुपए व्ययखर्च हुएभएको हैं।छ। यसमा 5.6 मिलियन एकड़ फुट पानी जमा रखा जाता है, हालांकि यसमा कुल 6.6 एकड़ मिलियन फुट पानी जमा किया जा सकता है।
 
'''भाखड़ा बांध परियोजना'''-यहयो बांध [[सतलुज]] नदी परनदीमा जिल्ला [[बिलासपुर]] को भाखड़ा गांव मा बना है, जो सन् 1948 मा शुरू होकरभएर सन् 1963 मा बनकरबनेर तैयार हुआभएको था।थियो। इसकीयसको ऊंचाई 226 मीटर है। यहयो एशियाएशियाको कासबभन्दा सबसे ऊंचाअग्लो बांध है। यसमा दो विद्युत घर हैं, जसमा 1200 मेगावाट बिजली पैदा करनेउत्पादन कीगर्ने क्षमता है। इसयस बांधको कारण गोविंद सागर झील बनी है।
 
== सन्दर्भ ==
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== बाहरी कड़ियां ==
* [http://himachalpr.gov.in हिमाचल सरकार कासरकारको आधिकारिक जालस्थल]
* [http://himachal.nic.in/tour/census.htm 2001 कीको जनगणनामा हिमाचलको आंकड़े]
* [http://planningcommission.nic.in/plans/stateplan/stplsf.htm हिमाचल विकास रपट-भारतीय योजना आयोग]
* [http://www.himachaltourism.gov.in हिमाचल सरकार कासरकारको पर्यटन जालस्थल]
* [http://www.hptdc.gov.in हिमाचल पर्यटन विकास निगम कानिगमको जालस्थल]
* [http://www.himachaltourism.nic.in हिमाचलमा पर्यटनको बारेमा अरु जानकारी]
* [http://www.himtimes.com हिमाचलको बारेमा समाचार स्थल]
* [http://www.devbhoomihimachal.com हिमाचलको विविध पक्षों परपक्षहरुमा आधारित जालस्थल - देवभूमि हिमाचल]
* [http://himachalmitra.com/ हिमाचल मित्र - हिमाचली समाज कीसमाजको रचनात्मक अभिव्यक्ति (हिन्दी वेब-पत्रिका)]
* [http://www.himachal.us हिमाचल परहिमाचलमा आधारित एक चिट्ठा(ब्लाग)]
* [http://www.jagranyatra.com/category/india/north-india/himachal-pradesh/?isStatePage=true हिमाचल प्रदेशको आर्टिकल्स]
 
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{{भारतको प्रान्त र संघ राज्यक्षेत्र}}
{{हिमाचलहिमाचलसंग से जुड़ेजोडिएको विषय}}
 
[[श्रेणी:हिमाचल प्रदेश]]