"सुनामी" का संशोधनहरू बिचको अन्तर
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जैसे अंडे का खोल सख़्त हुन्छ तर उसके भीतर का पदार्थ लिजलिजा और गीला हुन्छ। भूकम्प के असर से ये दरारें चौड़ी होकर अंदर के पदार्थ में इतनी हलचल पैदा गर्छं कि वो तेजी से ऊपर की तरफ का रूख़ कर लेता है। धरती की परतें पनि जब किसी पनि असर से चौड़ी हुन्छं तो वो खिसकती हैं जिसके कारण महाद्वीप बनते हैं. तो इस तरह ये सूनामी लहरें बनती हैं। तर ये पनि जरूरी नहीं कि हर भूकम्प से सूनामी लहरें बने. यसको लागि भूकम्प का केंद्र समुद्र के अंदर या उसके आसपास होना जरूरी है।
[[श्रेणी:प्राकृतिक प्रकोप]]
[[ace:Ië beuna]]
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