"अथर्ववेद" का संशोधनहरू बिचको अन्तर

सा maintenance, added deadend, wikify tags
कुनै सम्पादन सारांश छैन
पङ्क्ति १:
{{unreferenced}}
{{Wikify|date=जुन २०११}}
{{बाकस अथर्ववेद}}
'''अथर्ववेद संहिता''' [[हिन्दू धर्म]]का पवित्रतम र सर्वोच्च धर्मग्रन्थ [[वेदहरु]]मा देखि चौथो वेद [[अथर्ववेद]]को [[संहिता]] अर्थात मन्त्र भाग छ । यसमा देवताहरुको स्तुतिका साथ जादू, चमत्कार, चिकित्सा, विज्ञान र दर्शनका पनि मन्त्र छन्। अथर्ववेद संहिताका बारेमा भनिएको छ कि जस राजाका रज्यमा अथर्ववेद जानने वाला विद्वान् शान्तिस्थापनका गर्ममा निरत रहन्छ, त्यो राष्ट्र उपद्रवरहित भएर निरन्तर उन्नति करतिन्छः
 
'''यस्य राज्ञो जनपदे अथर्वा शान्तिपारगः।
{{dead end|date=जुन २०११}}
 
'''निवसत्यपि तद्राराष्ट्रं वर्धतेनिरुपद्रवम् ।। (अथर्व०-१/३२/३)।
{{हिन्दुधर्म}}
'''अथर्व वेद''' चार वेदमध्येको एउटा हो।
 
भूगोल, खगोल, वनस्पति विद्या, असंख्य जड़ी-बूटीहरु, आयुर्वेद, गंभीरदेखि गंभीर रोगहरुको निदान र तिनको चिकित्सा, अर्थशास्त्रका मौलिक सिद्धान्त, राजनीतिका गुह्य तत्त्व, राष्ट्रभूमि तथा राष्ट्रभाषाको महिमा, शल्यचिकित्सा, कृमिहरुदेखि उत्पन्न हुने रोगहरुको विवेचन, मृत्युलाई टाड़ा गर्नका उपाय, प्रजनन-विज्ञान अदि सैक्ने लोकोपकारक विषयहरुको निरूपण अथर्ववेदमा हो। आयुर्वेदको दृष्टिले अथर्ववेदको महत्व अत्यन्त सराहनीय हो। अथर्ववेदमा शान्ति-पुष्टि तथा अभिचारिक दुइटै प्रकारका अनुष्ठन वर्णित छन्। अथर्ववेदलाई ब्रह्मवेद पनि भन्दछन्। चरणव्युह ग्रन्थका अनुसार अथर्व संहिताको नौ शाखाहरु- १.पैपल, २. दान्त, ३. प्रदान्त, ४. स्नात, ५. सौल, ६. ब्रह्मदाबल, ७. शौनक, ८. देवदर्शत र ९. चरणविद्य बतलाई गई छन्। वर्तमानमा केवल दो- १.पिप्पलाद संहिता तथा २. शौनक संहिता नैं उपलब्ध छ। जसमा देखि पिप्लाद संहिता नैं उपलब्ध हुन पाउँछ। वैदिकविद्वानहरुका अनुसार ७५९ सूक्त नैं प्राप्त हुन्छन्। सामान्यतः अथर्ववेदमा ६००० मन्त्र हुने मिल्दछ परन्तु कुनै-कुनैमा ५९८७ वा ५९७७ मन्त्र नैं मिल्दछन्।
 
;अथर्ववेदका विषयमा केही मुख्य तथ्य निम्नलिखित छ-
{{stub}}
:*अथर्ववेदको भाषा र स्वरूपका आधारमा यस्तो मानिन्छ कि यस [[वेद]]को रचना सबैभन्दा पछि भएको हो।
:*इसमा [[ॠग्वेद]] र [[सामवेद]]देखि पनि मन्त्र लागि गये छन्।
:*जादूदेखि सम्बन्धित मन्त्र-तन्त्र, राक्षस, पिशाच, आदि भयानक शक्तीहरु अथर्ववेदका महत्वपूर्ण विषय छन्।
:*इसमा भूत-प्रेत, जादू-टोने आदिका मन्त्र छन्।
:*ॠग्वेदका उच्च कोटिका [[देवता|देवताहरु]]लाई यस वेदमा गौण स्थान प्राप्त भएको हो।
:*धर्मका इतिहासको दृष्टिले ॠग्वेद र अथर्ववेद दुइटैको ठूलो नैं मूल्य हो।
:*अथर्ववेददेखि स्पष्ट छ कि कालोन्तरमा [[आर्य|आर्हरु]]मा प्रकृति-पूजाको उपेक्षा हो गयी थियो र प्रेत-आत्माहरु अनि तन्त्र-मन्त्रमा विश्वास गरिने लागेको थियो।
==यी पनि हेर्नुहोस्==
*[[वैदिक साहित्य]]
*[[वैदिक काल]]
*[[वैदिक धर्म]]
*[[वैदिक संस्कृति]]
*[[वैदिक कला]]
*[[वैदिक संस्कृत]]
 
==बाह्य कडीहरु==
* [http://www.vedpuran.com/# '''वेद-पुराण'''] - यहाँ चारहरु वेद एवं दस भन्दा अधिक पुराण नेपाली अर्थ सहित उपलब्ध छन्। पुराणहरुलाई यहाँ सुना पनि जा सक्छ।
*[http://is1.mum.edu/vedicreserve/puran.htm महर्षि प्रबंधन विश्वविद्यालय]-यहाँ सम्पूर्ण वैदिक साहित्य संस्कृतमा उपलब्ध छ।
*[http://www.tdil.mit.gov.in/vedicjan04/hDefault.html ज्ञानामृतम्] - वेद, अरण्यक, उपनिषद् आदिमा सम्यक जानकारी
*[http://www.aryasamajjamnagar.org/vedang.htm वेद एवं वेदांग] - आर्य समाज, जामनगरका जालघरमा सबै वेद एवं तिनको भाष्य दिये भए छन्।
*[http://www.samaydarpan.com/july/pehal5.aspx जसको उदेश्य छ - '''वेद प्रचार''']
*[http://veda-vidya.com/puran.php वेद-विद्या_डट_कम]
 
{{पुराण}}
{{वैदिक साहित्य}}
{{महाभारत}}
{{रामायण}}
{{हिन्दू धर्म}}
 
 
 
[[श्रेणी:संस्कृत साहित्य|संहिता, अथर्ववेद]]
[[श्रेणी:पुराण|संहिता, अथर्ववेद]]
[[श्रेणी:वेद|संहिता, अथर्ववेद]]
[[श्रेणी:स्मृति|संहिता, अथर्ववेद]]
 
[[de:Atharvaveda]]
[[en:Atharvaveda]]
[[es:Átharva Vedá]]
[[fr:Atharva-Véda]]
[[id:Atharwaweda]]
[[it:Atharvaveda]]
[[ja:アタルヴァ・ヴェーダ]]
[[ka:ათარვავედა]]
[[kn:ಅಥರ್ವವೇದ]]
[[la:Atharvaveda]]
[[ml:അഥർവ്വവേദം]]
[[mr:अथर्ववेद]]
[[no:Atharvaveda]]
[[pl:Atharwaweda]]
[[pt:Atarvaveda]]
[[ru:Атхарва-веда]]
[[sa:अथर्ववेद]]
[[simple:Atharva Veda]]
[[sk:Atharvavéd]]
[[sv:Atharvaveda]]
[[te:అధర్వణ వేదం]]
[[tr:Atharvaveda]]
[[uk:Атхарва-веда]]
[[zh:阿闼婆吠陀]]
"https://ne.wikipedia.org/wiki/अथर्ववेद" बाट अनुप्रेषित