श्रमिकश्रमिकहरू आपसआपसमा मेंकामको नौकरियोंलागि केप्रतिस्पर्धा लिएगर्छन् स्पर्धार करतेउनीहरूलाई हैंकाम औरदिने उन्हेंमालिकहरू नौकरीआपसमा देनेदक्ष वालेराम्रा मालिकश्रमिकलाई आपसआफ्नो मेंकाममा अच्छेलगाउन श्रमिकोंप्रतिस्पर्धा कोगर्छन्को। अपने काम में लगाने के लिए स्पर्धा करते हैं। इसी सेयसैबाट आय उत्पन्न होती है।हुन्छ। (देखिएहेर्नुहोस्: [[आर्थिक संतुलनसन्तुलन]])। जब श्रमिकश्रमिकको सङ्ख्या अधिक होंहुन्छ तोतब श्रमिकको आय गिरती(श्रमको मूल्य) हैघट्छ औरर जब नौकरियाँकाम अधिकधेरै हों तोहुन्छ, आय बढ़ती है।बढ्छ। सरकार हस्तक्षेपहस्तक्षेपद्वारा द्वाराकुनै किसीपनि आर्थिक क्षेत्रक्षेत्रलाई कोदिइएको दीआर्हिक गईसहायता [[सहायिकी]] (सब्सीडी) अक्सर बुर असर लाती है क्योंकि इस से आवश्यकता से अधिक लोग उस आर्थिक क्षेत्र में काम करने लगते हैं। इस से आगे चलकर उनकी आय घटती है।